क्या यूक्रेन और रूस की लड़ाई में पिस रहा है भारत?

क्या यूक्रेन और रूस की लड़ाई में पिस रहा है भारत?

Is India getting crushed in the fight between Ukraine and Russia?

भारत एक बार फिर फंसा धर्म संकट में, यूक्रेनी विदेश मंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से की रूसी राष्ट्रपति को युद्ध रोकने के लिए समझाने की अपील.

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  • 06, Mar, 2022
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Riya saxena
  • @R1ya97

जिस तरह गेहूं पीसते वक्त घुन पिसता है ठीक उसी तरह के हालात आज भारत के हैं. एक तरफ जहाँ अधिकतर यूरोपीय देश यूक्रेन के समर्थन में डटकर खड़े हैं वहीं दूसरी ओर भारत और अन्य एशियाई देश रूस और यूक्रेन की लड़ाई के बीच फंस कर रह गए हैं और दोनों में से किसी एक देश का खुलकर समर्थन नहीं कर पा रहे हैं. 

इन सबमें सबसे बुरा हाल भारत का है जो एक तरफ यूक्रेन में हो रहे खूनखराबे को लेकर सहानुभूति रखता है और दूसरी ओर रूस से घनिष्ठ दोस्ती के कारण खुलकर देश का विरोध नहीं कर पा रहा है. इसी बीच यूक्रेन ने एक बार फिर भारतीय सरकार को असमंजस में डाल दिया. हालही में यूक्रेन के फोरेन मिनिस्टर Dmytro Kuleba ने भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से यूक्रेन-रूस युद्ध में हस्तक्षेप करने का निवेदन किया है. 

कुलेबा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि "यूक्रेन भारत के एग्रिकल्चर प्रोडक्ट सप्लाई के लिए एक अहम माध्यम है और भारत को अपने इंटरेस्ट के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से युद्ध रोकने का निवेदन करना चाहिए." 

वर्चुअल कॉन्फ्रेंस के दौरान कुलेबा ने यह भी कहा कि यूक्रेन ने सभी विदेशी छात्रों को सुरक्षित स्थान पर सकुशल पहुंचाने के लिए ट्रेन का भी इंतज़ाम किया, इसके अलावा हर साल देश हज़ारों एशियाई छात्रों का अपने देश में स्वागत करता है." 

कुलेबा के अनुसार रूसी सरकार विदेशी सरकारों की सहानुभूति हासिल करने की कोशिश कर रही है हालांकि, देशों को रूसी सरकार की झूठी बातों में नहीं आना चाहिए. इसके अलावा कुलेबा ने भारतीय नागरिकों से भी अपनी सरकार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से यूक्रेन में युद्ध रोकने की मांग करने का आग्रह किया.

हालांकि, ऐसा नहीं है कि भारत यूक्रेन की मदद नहीं कर रहा है, हालही में भारत ने यूक्रेन में रह रहे आम नागरिकों की सहायता के लिए दवाएं, चिकित्सा उपकरण और अन्य राहत सामग्री भेजीं हैं। यह सामग्री पोलैंड के रास्ते भैजी गईं हैं. अब देखना यह है कि भारत का यह रुख क्या आगे चलकर यूरोपीय देशों से देश के रिश्तों में खटास का कारण बनेगा? हालांकि, उम्मीद है कि ऐसा ना हो क्योंकि जितनी ज़रूरत भारत को यूरोपीय देशों की है उतनी ही ज़रूरत यूरोपीय देशों को भारत की भी है. आशा है कि भारत सरकार रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से यूक्रेन में शांति की अपील करें जिससे यूक्रेन में फिर से लोग अपनी ज़िंदगी सुकून से जी सकें.

Image source: News18 and Zee News

 

 

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